देहरादून: उत्तराखंड में तकनीकी शिक्षा विभाग पिछले कुछ समय से चर्चाओं में है. खासतौर पर वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर डेवलप करने के नाम पर करोड़ों की गड़बड़ी के मामले ने खूब तूल पकड़ा है. स्थिति ये है कि प्रकरण पर तकनीकी शिक्षा सचिव के स्तर से जांच के लिए कमेटी बनाने तक के निर्देश दिए गए हैं. उधर, इस मामले के बाद शासन और विश्वविद्यालय के बीच पत्राचार भी हुआ है, जिसने इस मामले को और भी ज्यादा गर्मा दिया है.
प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को लेकर दूसरा मामला विश्वविद्यालय के अंतर्गत उन 6 इंजीनियरिंग संस्थानों से जुड़ा है, जिन्हें विश्वविद्यालय कैंपस के रूप में तो शामिल किया गया, लेकिन इन्हें वित्तीय मदद नहीं दी जा रही है. जाहिर है ये मामले शासन और विश्वविद्यालय के बीच बैठक के दौरान माहौल को गर्म कर सकते हैं.
22 अप्रैल को समीक्षा बैठक: तकनीकी विश्वविद्यालय की समीक्षा बैठक मंगलवार यानी 22 अप्रैल को होनी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल भी इस बैठक में रहेंगे. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक के एजेंडे तय कर दिए गए हैं. समीक्षा बैठक के दौरान स्ववित्त पोषित के रूप में 6 इंजीनियरिंग संस्थानों को वित्तीय सहायता दिए जाने से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
इसके अलावा महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में स्वीकृत पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित खाली सीट को लेकर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा केवल एमटेक, एमफार्मा जैसे पीजी और पीएचडी कार्यक्रमों का संचालन किया जाना और अंडर ग्रेजुएट कोर्स महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से संचालित की जाने पर भी विचार किया जाना है. कैंपस संस्थाओं के लिए उपलब्ध भूमि का मास्टर प्लान तैयार करते हुए इसका प्रस्ताव तैयार करने और राजस्व विभाग के साथ वन विभाग की भी इसमें सहमति लिए जाने पर चर्चा होगी.
हालांकि, सभी की नजर उन विवादित मामलों पर भी रहेगी जिसको लेकर अधिकारियों के बीच भी विवाद की स्थिति रही है. इस मामले पर तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल से जब ईटीवी भारत संवाददाता ने बात की तो उन्होंने प्रकरण पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जो भी मुद्दे होंगे उन पर बैठक में बात होगी. बैठक होने के बाद उसे सभी के साथ साझा कर दिया जाएगा.
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