चंपावत में जंगली हाथियों ने जीना किया दुश्वार, टनकपुर में शोपीस बनी लाखों की सोलर फेंसिंग – CHAMPAWAT ELEPHANT TERROR

चंपावत: जिले का टनकपुर पूर्णागिरि मार्ग हाथी कॉरिडोर के रूप में अपनी पहचान रखता है. हाथियों का आबादी क्षेत्र में आवागमन रोकने के लिए टनकपुर पूर्णागिरि मार्ग में बूम तक फॉरेस्ट विभाग द्वारा सोलर फेंसिंग लगाई गई थी. लेकिन हाथी रोकथाम को लाखों की लागत से लगाई फेंसिंग वर्तमान में शो पीस बनी हुई है.

टनकपुर में आबादी इलाके में आ रहे हाथी: हाथियों के आबादी क्षेत्र में लगातार आवागमन से स्थानीय ग्रामीण परेशान हैं. वहीं किसानों की फसलों को नुकसान भी पहुंच रहा है. ग्रामीणों ने वन विभाग के सोलर फेंसिंग को शो पीस बताते हुए उसके मेंटेनेंस की मांग की है. इधर वन विभाग हाथियों के आबादी क्षेत्र में रोकथाम हेतु लगाई फेंसिंग के सही होने का दावा कर रहा है.

लाखों की सोलर फेंसिंग बनी सफेद हाथी: चंपावत जिले के टनकपुर पूर्णागिरि मार्ग पर हाथियों के जंगलों से आबादी क्षेत्र में आने पर रोकथाम को लेकर वन विभाग के द्वारा लाखों की लागत से लगाई गई सोलर फेंसिंग इन दिनों शोपीस बनी हुई है. वर्तमान में जहां माता पूर्णागिरि का मेला चल रहा है तो वहीं श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी लगातार हाथियों की आबादी क्षेत्र में आवागमन से खतरे में पड़ी हुई है. जंगल क्षेत्र से हाथी लगातार जहां सड़क पार कर आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं. किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ वह श्रद्धालुओं के लिए भी हाथी बड़ा खतरा हो सकते हैं.

स्थानीय जनता हाथियों के आने से परेशान: स्थानीय जनता हाथियों की आमद से परेशान है, वहीं वन विभाग के सोलर फेंसिंग को फिलहाल पैसे की बर्बादी बता रही है. स्थानीय लोगों के अनुसार सोलर फेंसिंग में करेंट ना होने और टूट फूट व रख रखाव की कमी से वह वर्तमान में काम नहीं कर रही है. इससे हाथी जंगल क्षेत्र से आबादी क्षेत्र में पहुंच बड़ा खतरा बने हुए हैं. हाथी किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने के अलावा रात दिन मां पूर्णागिरि के दर्शनों के लिए पदयात्रा और वाहनों से आ रहे श्रद्धालुओं के लिए बड़ा खतरा हो सकते हैं. फिलहाल सोलर फेंसिंग के बेहतर रख रखाव की स्थानीय ग्रामीण वन विभाग से मांग कर रहे हैं, ताकि हाथियों की आमद जंगल से आबादी क्षेत्र में ना हो सके.

रेंजर ने ग्रामीणों की शिकायत को गलत बताया: शारदा वन रेंज में टनकपुर पूर्णागिरि मार्ग पर लगभग सात से आठ किलोमीटर ककराली गेट से बूम क्षेत्र तक सोलर फेंसिंग लगाई गई है, ताकि हाथियों को जंगल से आबादी क्षेत्र में जाने से रोका जा सके. शारदा वन रेंज के रेंजर पूरन चंद्र जोशी ग्रामीणों के आरोपों को गलत बताते हुए फेंसिंग के सही होने का दावा कर रहे है.

हाथी कॉरिडोर होने की वजह से अन्य आवागमन के रास्तों से आबादी क्षेत्र में आ रहे हैं. इसके साथ ही हाथियों को जंगलों में भगाने और पूर्णागिरि मंदिर दर्शन को आ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए दिन रात मेरे नेतृत्व में गश्त हो रही है.
-पूरन चंद्र जोशी, रेंजर-

हाथियों के वीडियो के बाद भी नहीं चेता वन विभाग: फिलहाल टनकपुर पूर्णागिरि मार्ग पर ककराली गेट, गैंडा खाली, उचोलीगोठ सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में हाथियों के आगमन के वीडियो लगातार सोशल मीडिया में देखे जा सकते हैं. वहीं ग्रामीणों के आरोप सही हैं या वन विभाग के दावे यह लगातार हाथियों के आबादी क्षेत्र में घुसने के मामलों के सामने आने से साफ जाहिर हो रहा है. फिलहाल ग्रामीणों की शारदा वन रेंज में हाथियों की रोकथाम को लगभग 13 किलोमीटर क्षेत्र में लगाई गई सोलर फेंसिंग के बेहतर रखरखाव की मांग है. उन्हें उम्मीद है कि वन विभाग उनकी मांग पर कार्रवाई करेगा.


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